रौद्र नर्मदा:45 किमी बिजली लाइन और 1008 खंभे बहा ले गई बाढ़, 231 में 230 गांवों में सप्लाई बहाल


  • कई खंभे 5 से 6 किमी दूर मिले तो कई टेढ़े-मेढ़ हो गए, जिन्हें बदलने का काम जारी है






नर्मदा सहित अन्य नदियों में आए उफान के बाद बुदनी और नसरुल्लागंज में आई बाढ़ से करोड़ों रुपए की फसलें और मकानों को नुकसान हुआ है तो वहीं बिजली विभाग को भी 11 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। बाढ़ से 231 गांवों की बिजली सप्लाई ठप हो गई थी। बाढ़ का पानी 45 किमी लंबी बिजली की सप्लाई लाइन को भी अपने साथ बहा ले गया। इससे बुदनी के 124 और नसरुल्लागंज के 107 गांवों के बिजली के तारों सहित खंभे भी टूटकर गिर गए। कई बिजली के खंभे काफी दूर जाकर मिले तो कई क्षतिग्रस्त हो गए। अब कंपनी के अमले ने दिन-रात एक कर 230 गांवों में बिजली सप्लाई बहाल कर दी है। केवल एक गांव की बिजली बंद है जिसकी मरम्मत का काम भी चल रहा है।




इतना नुकसान तो 2015 की बाढ़ ने भी नहीं किया
इस बार जो बाढ़ आई उसने काफी नुकसान पहुंचाया है। इस बार की बाढ़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिजली के खंभाें के अलावा कई किमी लाइन की टूटकर बह गई। अभी भी जहां मरम्मत का काम होना है उसे किया जा रहा है। 1 को छोड़ 230 गांवों की बिजली सप्लाई शुरू कर दी है।


ट्रांसफार्मरों में भरा पानी
कंपनी को सबसे बड़ा नुकसान ट्रांसफार्मरों के खराब होने से भी हुआ है। बाढ़ का पानी इन ट्रांसफार्मरों के अंदर चला गया तो इससे काफी नुकसान हुआ। नसरुल्लागंज में जहां 284 ट्रांसफार्मर खराब हुए तो वहीं बुदनी में इनकी संख्या करीब 300 है। इन सभी खराब ट्रांसफार्मरों को या तो ठीक किया गया या फिर इनकी जगह दूसरे बदलकर लगाए गए। बुदनी के डीई जीएस पटेल ने बताया कि सभी गांवों की बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई है। करीब 300 ट्रांसफार्मर खराब हो गए थे जिन्हें बदल दिया गया है।


1008 बिजली के खंभे टूटे
बुदनी और नसरुल्लागंज में 1008 बिजली के खंभे टूटकर क्षतिग्रस्त हो गए थे। इनमें से कई तो गिर गए तो कुछ पानी के तेज बहाव में काफी दूर तक बह गए। इन खंभों के गिर जाने से काफी नुकसान हुआ। इनमें नसरुल्लागंज विकासखंड के 107 गांवों में 421 पोल गिरकर खराब हो गए। इसी तरह बुदनी विकासखंड में भी काफी नुकसान हुआ। यहां पर 587 बिजली के पोल टूट गए या फिर गिर गए थे। इन सभी पोल को ठीक किया गया और फिर से लगाया गया है। नसरुल्लागंज डीई अभय गोप ने बताया कि क्षेत्र में 33 केवी लाइन के 16 खंभे टूट गए थे।


राहत के नाम पर खिलवाड़: केरोसिन की जगह पानी बांट दिया


नसरुल्लागंज | बाढ़ग्रस्त छिदगांव काछी गांव में 31 अगस्त को राहत सामग्री बांटने के दौरान ग्रामीणों को मिलावटी केरोसिन का वितरण कर दिया। जब ग्रामीणों ने बांटे केरोसिन को घर ले जाकर जलाने का प्रयास किया तो इसे आग तक नहीं लगी। इसके बाद ग्रामीण केरोसिन की जांच करने लगे। इस दौरान पता चला कि खाद्य विभाग ने जो केरोसिन बांटा है, उसमें पानी मिला हुआ है। छिदगांव काछी निवासी ग्रामीण 20 वर्षीय राजकुमार कुशवाह ने बताया कि उपभोक्ता भंडार के सेल्समैन रामभरोस कीर ने गांव के प्रत्येक परिवार को 2 लीटर केरोसिन दिया। जब मैंने केरोसिन को घर ले जाकर जलाया तो उसमें ना तो बदबू आई और ना ही उसमें आग जली। बोतल में तेल लिया तो पानी अलग दिखाई दिया 19 वर्षीय युवक ममतेश, रामकृष्णा व विनोद ने बताया कि 2 लीटर केरोसिन हमने बोतल में लिया तो देखा कि केरोसिन 2 रंग में दिखाई दे रहा था। हमने जब सेल्समैन से पूछा तो उसने कहा कि मैं तो टैंक से ही तेल बांट रहा हूं ।


विरोध के बाद दूसरे टैंक से बांटा केरोसिन
ग्रामीणों द्वारा केरोसिन में पानी मिले होने की जांच की गई तो वह सही निकली। इसके बाद ग्रामीणों को दूसरे टैंक से केरोसिन का वितरण किया गया। इस मामले में कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी प्रकाश यादव ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद उचित मूल्य दुकान डिमावर के सेल्समैन द्वारा छिदगांव काछी पहुंचकर 280 परिवारों को केरोसिन का वितरण किया गया था। रात ज्यादा होने के कारण उसने टैंक में लगभग 14 लीटर केरोसिन भरा हुआ था। इसे गांव के मंदिर में रख आया था। दूसरे दिन जब उक्त टैंक की जांच किए बिना कर्मचारी ने पानी भरे टैंक में ही केरोसिन खाली कर दिया। जो वितरण के दौरान सामने आया। उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा टैंक से तेल चुराकर उसमें पानी भर दिया था।


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