रायपुर में घातक हुआ कोरोना:अगस्त में दोगुना हुआ शवदाह, 50 से 70 वर्ष के बीच सबसे ज्यादा शव पहुंचे मुक्तिधाम, जगह नहीं, शवों को लौटा रहे
रायपुर में कोरोना मरीजों की लगातार मौत हो रही है। मर्च्यूरी में शव रखने की जगह नहीं है। गुरुवार को हॉल साफ करने के लिए सभी शवों को बाहर निकाला गया, जिससे वहां लाशों के ढेर नजर आए।



  • शहर के सबसे बड़े मुक्तिधाम मारवाड़ी श्मशानघाट का आंकड़ा, बाकी जगहों पर भी यही हाल

  • अब स्थिति ऐसी कि पिछले हफ्ते में अंतिम संस्कार के लिए पहुंची 10 लाशों को लौटाना पड़ा






(गौरव शर्मा) अगस्त महीने में मारवाड़ी श्मशानघाट में 158 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। मार्च से अब तक यानी पिछले 4 महीनाें के मुकाबले यह आंकड़ा दोगुना है। लाशों के आने का सिलसिला जारी है जिसकी वजह से यहां जगह की कमी होने लगी है। अब स्थिति ऐसी हो गई है कि पिछले एक हफ्ते में अंतिम संस्कार के लिए पहुंची 10 लाशों को लौटाना पड़ गया।




मुक्तिधाम से मिले आंकड़ों के अनुसार, मरने वालों में 50 से 70 वर्ष की उम्र वाले लोग अधिक हैं। यह आंकड़े कोरोना के कारण बढ़े हैं, इसका पुख्ता तरीके से नहीं कहा जा सकता, लेकिन ये तथ्य सही हैं, कि कोरोना से भी मौतें बढ़ी हैं। यह स्थिति शहर के किसी एक मुक्तिधाम की नहीं है, बल्कि ज्यादातर का यही हाल है।


शराब दुकानें बंद हुईं तो मौतों का आंकड़ा भी कम हुआ


मारवाड़ी श्मशानघाट शहर का सबसे बड़ा मुक्तिधाम है और अंतिम संस्कार के लिए सबसे ज्यादा लाश यहीं पहुंचती है। मार्च से पहले यहां हर माह 80 से 100 लोगों का अंतिम संस्कार होता था। लॉकडाउन लगने से पहिए थमे और शराब दुकानें बंद हुईं तो मौतों का आंकड़ा भी कम हुआ।


158 लाशों के अंतिम संस्कार के साथ आंकड़ा दोगुना हो गया


तब भी मार्च से जुलाई के बीच मारवाड़ी श्मशानघाट में औसतन 70-80 लाशों का अंतिम संस्कार किया गया। अगस्त के महीने में 158 लाशों के अंतिम संस्कार के साथ यह आंकड़ा दोगुना हो गया। इसमें भी सबसे ज्यादा लाशें 25 अगस्त से 1 सितंबर के बीच पहुंचीं।


चार्ट से समझिए...4 माह बाद पांचवें महीने में ऐसे बढ़ा मौतों का आंकड़ा
























































































































































अप्रैलमईजूनजुलाईअगस्त
आयु वर्गमौतेंआयु वर्गमौतेंआयु वर्गमौतेंआयु वर्गमौतेंआयु वर्गमौतें
01-100001-100001-100001-100001-1003
11-200011-200111-200011-200411-2002
21-300321-300321-300421-300321-3004
31-400531-400131-401031-400431-4010
41-500641-500741-501141-501041-5010
51-601351-601851-600751-601651-6041
61-701761-701761-701761-701361-7033
71-802171-801971-801571-802971-8027
81-901781-901481-900981-901081-9020
91-100391-1000191-1000091-1000191-10008
कुल- 85कुल- 81कुल- 73कुल- 90कुल- 158


अंतिम संस्कार के लिए जगह की कमी इसलिए


मारवाड़ी श्मशानघाट में 12 लोगों का अंतिम संस्कार एक साथ करने की व्यवस्था है। एक जगह किसी का अंतिम संस्कार किया जाए तो उस जगह को खाली होने में 2 दिन का समय लग जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आग शांत हुए बिना अस्थियां नहीं चुनी जा सकतीं।


हालांकि, श्मशानघाट में इको फ्रैंडली दाह संस्कार के लिए एक मशीन भी है, जिसमें हर 3 घंटे बाद एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। पर अब भी ज्यादातर लोग पारंपरिक तरीके से दाह संस्कार करने पर यकीन रखते हैं और पिछले 8 दिनों में जिस तेजी से यहां लाशें आ रहीं हैं, इन्हीं वजहों से यहां अब जगह की कमी होने लगी है।


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