ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च:कमर का साइज 40 इंच या इससे अधिक है तो घटाएं क्योंकि ऐसे लोगों को प्रोस्टेट कैंसर से मौत का खतरा 35 फीसदी है


  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के मुताबिक, पेट पर जमी चर्बी सबसे ज्यादा खतरनाक, ये आंत, लिवर और पेन्क्रियाज जैसे अंगों पर बुरा असर डालती है

  • प्रोस्टेट कैंसर के सर्वाधिक मामले दिल्ली, कोलकाता, पुणे, तिरूवनंपुरम, बेंगलुरू और मुंबई जैसे शहरों में देखे गए हैं






बढ़ते मोटापे का एक और खतरा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बताया है। यहां हुई रिसर्च के मुताबिक, अगर किसी पुरुष की कमर 40 इंच सा इससे अधिक है, तो प्रोस्टेट कैंसर से उसकी मौत होने का खतरा 35 फीसदी तक है। रिसर्च 2 लाख पुरुषों पर की गई है।




अध्ययन की एक और बात सबसे चौकाने वाली है। रिसर्चर्स का कहना है, यहां खतरे का मतलब पूरे शरीर की चर्बी या बीएमआई अधिक होने से नहीं है। शरीर के खास हिस्से पर चर्बी बढ़ने के कारण खतरा ज्यादा बढ़ता है। ऐसा क्यों है वैज्ञानिकों ने इसके कारण भी गिनाए हैं।


पेट की चर्बी सबसे ज्यादा खतरनाक
रिसर्च कहती है, पेट पर जमी चर्बी सबसे खतरनाक है क्योंकि यह शरीर के सबसे जरूरी अंग लिवर, पेन्क्रियाज और आंतों पर असर डालती है। ये इन अंगों के काम करने की क्षमता पर असर डालती है। इसके साथ ही यह कैंसर कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाती है।


10 साल तक चली रिसर्च
इस रिसर्च को हाल ही में ब्रिटेन में मोटापे पर आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में पेश किया गया। वैज्ञानिकों ने 10 साल तक रिसर्च में शामिल लोगों के बॉडी मास इंडेक्स (BMI), शरीर की कुल चर्बी, कमर का घेरा और कूल्हे के आकार की मॉनिटरिंग की।

रिसर्च में शामिल 25 फीसदी मर्दों की कमर का साइज ज्यादा मिला। इनमें प्रोस्टेट कैंसर से होने वाली मौत का खतरा 35 फीसदी तक है। हालांकि रिसर्चर्स ने इंसान की बीएमआई और कुल चर्बी के बीच कोई कनेक्शन नहीं बताया है।


रिसर्चर डॉ. ऑरोरा प्रेज-कॉर्नेगो कहते हैं, हमने कमर व पेट की चर्बी और प्रोस्टेट कैंसर के बीच कनेक्शन पाया है। इसके बढ़ने पर कैंसर से होने वाली मौत का खतरा बढ़ता है। लेकिन शरीर के कुल चर्बी से इसका कनेक्शन नहीं सामने आया है।


क्या होता है प्रोस्टेट कैंसर
यह प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाओं में बनने वाला कैंसर है। प्रोस्टेट ग्रंथि को पौरूष ग्रंथि भी कहते हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि का काम एक गाढ़े पदार्थ को रिलीज करना है। यह वीर्य को तरल बनाता है और शुक्राणु की कोशिकाओं को पोषण देता है। प्रोस्टेट कैंसर धीमी गति से बढ़ता है। ज्यादातर रोगियों में इसके लक्षण नहीं दिखते। जब यह एडवांस स्टेज में पहुंचता है तो लक्षण दिखना शुरू होते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के सर्वाधिक मामले दिल्ली, कोलकाता, पुणे, तिरूवनंपुरम, बेंगलुरू और मुंबई जैसे शहरों में देखे गए हैं।




  • एक्सपर्ट कमेंट : जसलोक हॉस्पिटल, मुंबई के कंसल्टेंट बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. संजय बोरूडे से जानिए मोटापा बीमारी क्यों बन रही है...



1) कैसे जानेंगे कि आप मोटापे का शिकार हो गए हैं? जांचने का कौन सा तरीका सबसे बेहतर है?


डॉ. संजय बोरूडे : मोटापा यानी शरीर का वजन जरूरत से अधिक होना। यह शरीर की बनावट को देखकर नहीं जांचा जाता। मोटापा कितना है यह तीन तरह से जांचा जाता है। पहले तरीके में शरीर का फैट, मसल्स, हड्डी और बॉडी में मौजूद पानी का वजन जांचा जाता है। दूसरा है बॉडी मास इंडेक्स। तीसरी जांच में कूल्हे और कमर का अनुपात देखा जाता है। ये जांच बताती हैं आप वाकई में मोटे है या नहीं।


2) मोटापा कई बीमारियों की वजह क्यों है?

डॉ. संजय बोरूडे : आमभाषा में कहें तो मोटापा ज्यादातर बीमारियों की मां है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, जॉइंट पेन और कैंसर तक की वजह चर्बी है। फैट जब बढ़ता है तो शरीर के हर हिस्से में बढ़ता है। चर्बी से निकलने वाले हार्मोन नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए शरीर का हर हिस्सा इससे प्रभावित होता है। जैसे- पेन्क्रियाज का फैट डायबिटीज, किडनी का फैट ब्लड प्रेशर, हार्ट से आसपास जमा चर्बी हदय रोगों की वजह बनती है।


3) सबसे आसान तरीके से इसे कैसे कंट्रोल करें?

डॉ. संजय बोरूडे : सबसे पहले यह जानना जरूरी है कैलोरी कितनी लेनी चाहिए और इसे कैसे बर्न करना है। इसके लिए शरीर में मूवमेंट होना जरूरी है। रोजाना 30 मिनट की वॉक, सीढ़ी चढ़ना, रात का खाना हल्का लेना और घर के कामों को करके भी मोटापा आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह शरीर के साथ दिमाग के लिए भी नुकसानदेह है।


हम जितनी कैलोरी खाते हैं और उसे बर्न भी करना है, लोगों को इसकी जानकारी होना जरूरी है। यही मोटापा रोकने में मदद करेगा और ऐसा होता है तो आंकड़ों में कमी आएगी।


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