नई दिल्ली (संजीव यादव/ टीम डिजिटल) : उत्तर-पूर्वी दिल्ली (north east delhi) में एक तरफ जहां शांति और अमन लौट रहा है, लेकिन वहीं नालों से लाशों (dead bodies) के मिलने का सिलसिला जारी है। रविवार को भी नाले से तीन और शव बरामद किए गए, जो बुरी तरह से सड़ चुके हैं जिसके चलते इनकी पहचान करना मुश्किल है। पुलिस ने बताया कि एक शव गोकलपुरी (gokalpuri) के नाले से बरामद हुआ है, वहीं दो शव भागीरथी विहार (bhagarthi vihar) के नाले से मिले हैं। इन तीन शवों के मिलने के बाद अब मृतकों की अधिकारिक संख्या 46 हो गई है।
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दंगों की अफवाहों के बाद फिर मची भगदड़, अफरा-तफरी
अलबत्ता रविवार की शाम को पश्चिमी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया जब हिंसा की झूठी खबर फैली। इसके चलते दिल्ली मेट्रो ने भी बिना कारण बताए कुछ स्टेशनों को बंद कर दिया। हालांकि, पुलिस ने तुरंत इसका खंडन किया और लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की। देर शाम 5 बजे के बाद राजधानी दिल्ली के जैतपुर इलाके, कांलिदी कुंज, सुलतानपुरी, तिलक नगर, राजौरी गार्डन, उत्तम नगर सहित करीब 111 जगहों पर ऐसी अफवाहें फैली कि दंगा हो गया, लेकिन इन सभी कॉल की दिल्ली पुलिस ने जांच की और सभी जगहों पर शांति पाई गई।
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अभी और बढ़ सकता है मरने वालों का आंकड़ा
पुलिस के मुताबिक अभी मृतकों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि पुलिस अब प्रभावित इलाकों में जले मकानों सहित नालों की सफाई कर रही है। दिल्ली पुलिस ने अब तक 254 प्राथमिकी दर्ज की है और 903 लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शस्त्र अधिनियम के तहत 41 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, पिछले चार दिनों में उन्हें दंगे को लेकर कोई फोन नहीं आया है। हिंसा प्रकरण में गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिंसा सुनियोजित थी इसकी तह तक सरकार जाएगी। इसी संबंध में रविवार को गृह सचिव ने दिल्ली पुलिस अधिकारियों से बैठक की, जिसमें हिंसा के सिलसिलेवार प्रकरण की रिपोर्ट मांगी। इसी प्रकरण में दिल्ली सरकार ने राहत कार्यों को तेजी से शुरू कर दिया है, जगह-जगह कैंप के अलावा दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने जीटीबी अस्पताल में हेल्प डेस्क भी लगाया है।
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अंकित शर्मा के साथ एक और भी था दंगाइयों का शिकार
आईबी अधिकारी अंकित के साथ उस दिन एक और व्यक्ति भी था जो दंगाइयों का शिकार हुआ था। पुलिस की आशंका है कि रविवार को जो शव बरामद हुआ है, वह उसी व्यक्ति का है। क्योंकि जिस तरह उपद्रवियों ने अंकित को उठाया था, उसी दिन 3 और लोग भी उसी जगह से लापता थे, ऐसा अंकित के परिजनों का आरोप है। इस संबंध में जांच अधिकारी ने कहा कि जो शव अंकित के मिले शव के थोड़ी दूर पर पाया गया है, उसका कुछ हिस्सा जला भी हुआ है, इससे साफ है कि दंगाइयों ने पहले इसे बुरी तरह से मारा और फिर जला कर नाले में फेंक दिया। इसी तरह दो शव जो भागीरथी विहार में मिले है, उन्हें भी बुरी तरह से चाकूओं से गोदा गया है।
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55 से ज्यादा दंगाइयों की पहचान वाले वीडियो
जांच के साथ अब दिल्ली पुलिस ने 55 से अधिक दंगाइयों की पहचान मिले वीडियो फुटेज के आधार पर की है, हाल में ब्रहमपुरी गली-3 का एक वीडियो भी दिल्ली पुलिस को मिला है, जिसके आधार पर दिल्ली पुलिस सीलम पुर अब्दुल रहमान पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। उसी तरह अब तक दिल्ली पुलिस इन इलाकों के करीब 17 ऐसे नेताओं की भी पहचान कर चुकी है, लेकिन सुरक्षा कारणों से नाम नहीं बताए। पुलिस ने कहा है इन सभी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होगा और संपत्ति के नुकसान की वसूली भी इनसे की जाएगी।
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श्रीश्री रविशंकर प्रभावित इलाकों में तो गोपाल राय और वृंदा करात अस्पताल पहुंचे
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने रविवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों के निवासियों से मुलाकात की और कहा कि हिंसा के दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए। ब्रह्मपुरी के अपने दौरे में उन्होंने कहा कि यह देखना बहुत दुखद है कि इतने सारे लोग हिंसा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आध्यात्मिक गुरु ने कहा, ‘हमें उन्हें इस सदमे से निकालना होगा और उनके जीवन को वापस पटरी पर लाना होगा। हमें उन लोगों के उदाहरणों से सीखना चाहिए जिन्होंने दूसरों की जान बचाई और जो मानवता के लिए खड़े रहे। हमें असामाजिक तत्वों को दरकिनार करना चाहिए और उन्हें दंडित करना चाहिए।’ वहीं गोपाल राय जीटीबी असप्ताल पहुंचे और कहा कि जिन पीड़ितों के सभी दस्तावेज जल गए हैं, उनकी पहचान अस्पताल में दाखिल होने वाली स्लिप से भी मानी जाएगी।
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सैकड़ों की भीड़ और सिर्फ 200 पुलिसवाले
हम सुरक्षा कर रहे थे, इसी बीच तेजाब की दो बोतलें हमारे पास आकर गिरीं। इसी दौरान चारों ओर से पत्थरबाजी होने लगी, हम 200 थे और उपद्रवियों की संख्या 1000 से ज्यादा थी, लेकिन फिर भी डटे रहे और वहां से प्राथमिकता के तौर पर महिलाओं को निकाला। इसी बीच हमारे एक कांस्टेबल रतन लाल उपद्रवियों के बीच फंस गए और उनकी जान चली गई। उस भयावह मंजर को बयां करते हुए दिल्ली हिंसा में घायल एसीपी अनुज कुमार ने कहा कि जगह-जगह उन्मादी भीड़ द्वारा मकानों, दुकानों, वाहनों पर पत्थरबाजी से युद्ध के मैदान में तब्दील हो जाने के कारण पुलिस बल को भारी संख्या में बाहर निकाला गया।
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एसीपी अनुज ने बयां की भयावह दंगों की तस्वीर
इस भीड़ के पथराव में ही डीसीपी शाहदरा गंभीर रूप से घायल और हेड कांस्टेबल रतन लाल शहीद हो गए थे। घायल एसीपी ने 24 फरवरी की घटना को याद करते हुए बताया कि प्रदर्शनकारियों के पथराव के चलते फोर्स बिखर गई थी। इस बीच डीसीपी सर मुझसे पांच-छह मीटर दूर चल गए थे। कुछ देर बाद वह डिवाइडर के पास बेहोशी की हालत में थे और उनके मुंह से खून आ रहा था। उन्होंने कहा कि जब हम प्रदर्शनकारियों के पथराव का सामना कर रहे थे, तब रतनलाल भी हमारे साथ थे। मैंने देखा था रतनलाल को चोट लगी है
- 46 हुई मरने वालों की संख्या
- 112 नंबर पर फोन करें यदि कोई संदेह हो
- एक शव आईबीकर्मी अंकित वाली जगह तो दो शव भागीरथी विहार के नाले में मिले
- शिव विहार इलाके के नाले में रविवार को मिला चौथा शव
- ताहिर ही नहीं कई और नेताओं पर दंगों की आंच, पुलिस कसेगी शिकंजा
- 4 दिनों से एक भी आगजनी और ङ्क्षहसा की घटना नहीं
- अब तक 254 एफआईआार, 903 लोग गिरफ्तार और हिरासत में